मौत का इंतजार
ज़िंदगी गर खुशनुमा होती,
तो क्यों मौत का इंतजार करते ।
क्यों रह रह अपने दामन को ,
आंसुओं से हर पल भिगोते।
गम के सागर में डूबे हुए है,
अब बस उसी पर ऐतबार करते हैं।
ज़िंदगी गर खुशनुमा होती,
तो क्यों मौत का इंतजार करते ।
क्यों रह रह अपने दामन को ,
आंसुओं से हर पल भिगोते।
गम के सागर में डूबे हुए है,
अब बस उसी पर ऐतबार करते हैं।