मौका परस्त यार
उम्र भर तो पूछा ना हाल हमारे जी का,
हमारी मुफलिसी में भी दामन लगे वोह छुडाने ।
क्या कहें ऐसे रफीकों को हम तुम्हीं बताओ,
अब मय्यत में मेरी जो आये हैं चंद आंसू बहाने ।
उम्र भर तो पूछा ना हाल हमारे जी का,
हमारी मुफलिसी में भी दामन लगे वोह छुडाने ।
क्या कहें ऐसे रफीकों को हम तुम्हीं बताओ,
अब मय्यत में मेरी जो आये हैं चंद आंसू बहाने ।