Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2024 · 1 min read

मोह

मोह
जिस दिन हमें संसार वास्तव में समझ आता है,मोह खत्म हो जाता है।
मोह चाहे पद का हो,परिस्थिति से या व्यक्ति से।

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*रिश्वत लेना एक कला है (हास्य व्यंग्य)*
*रिश्वत लेना एक कला है (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
57...Mut  qaarib musamman mahzuuf
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
sushil yadav
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
रिश्तों की बंदिशों में।
रिश्तों की बंदिशों में।
Taj Mohammad
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
Rj Anand Prajapati
मज़हब नहीं सिखता बैर
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Never ever spend your time on people who has lost the capaci
Never ever spend your time on people who has lost the capaci
पूर्वार्थ
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
DrLakshman Jha Parimal
तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
तमाम रात वहम में ही जाग के गुज़ार दी
Meenakshi Masoom
आओ मिलन के दीप जलाएं
आओ मिलन के दीप जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
तुम भी जनता मैं भी जनता
तुम भी जनता मैं भी जनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
" क्यों "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
वो सपने, वो आरज़ूएं,
वो सपने, वो आरज़ूएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3462🌷 *पूर्णिका* 🌷
3462🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
Loading...