मोहब्बत..
मुझे तुम से बेपनाह मोहब्बत है
एक ख़ामोश, आज़ाद मोहब्बत
इसलिए तुम्हें किन्ही
बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं
मुझे तुम से इश्क़ है रोमांस नहीं
इसलिए,
मेरी ख्वाहिशें जिस्म से
परे रूहानियत की मुन्तजिर हैँ
तुम भी एक आज़ाद रूह और
मैं भी..
इश्क़ मेरा रूहानी,
एक कहानी तेरी औऱ मेरी
एक शै रूमानी
हिमांशु Kulshreshtha