मोहब्बत
पुराने घाव इतना भी ना ताज़ा हो,
किसी से प्यार हो तो जियादा हो,
उमर इस बात पे अब कट रही है,
वह सामने आये तो अन्दाज़ा हो,
छोड़ के जाने वाले चले ही जायें,
मोहब्बत में अगर ना कायदा हो,
देता हूँ मोहब्बत इस बात पर मैं,
जो सोचता है उसे ही फायदा हो,
मरहले जिंदगी तूँ ही फ़ैसला कर,
या तो वो फ़ना हो या तो जुदा हो,