मोहब्बत ऐसी होती है …..
मोहब्बत ऐसी होती है …..
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इक मोहब्बत क्या करते हैं
सितारों से उलझ जाते हैं
कभी चाँद से बतियाते हैं
कभी पागल से बन जाते हैं
कभी जुल्फों में अटकते हैं
कभी बातों पे मर जाते हैं
कभी रातें नशीली लगती हैं
कभी दिन सूने बन जाते हैं
उनकी गली का हर झोंका
इस दिल पे गजब सा ढाता है
लगता है अकेले वो बैठे
सिर्फ गीत हमारे गाते हैं
उनके बिना फिर इक-इक पल
सदियों सा लगने लगता है
दीदार में उनके हम पागल
दीवाने से हो जाते हैं
वो आयेंगे बतियाएंगे
ये सोच के हम शरमाते हैं
ज़ुल्फ़ों में फूल लगाने को
हम गुलाब ले आते हैं
इस उम्र के यारो क्या कहने
ये उम्र नशीली होती है
आँखों में सपने होते हैं
दहलीज पे इसके मोती हैं
अरमान भरी इन राहों पर
क्योँ हरदम ऐसा लगता है
क्योँ गुजर गयी इतनी जल्दी
ये उम्र क्यों छोटी होती है
हर लम्हा प्यासा लगता है
हर करवट तन्हा होती है
बैचैन करे दिल को हरदम
ये मोहब्बत ऐसी होती है
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सुशील सरना/14-10-24