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29 May 2024 · 1 min read

मोहब्बत-ए-सितम

मोहब्बत-ए-सितम

मत कर तकालुफ़ , याद करने की
बस युही देख कर , मुस्कुरा दिया कर |
कहने दे बेबफा जमाने को , महफ़िल में तेरे ,
बस तू गैर बनाकर , यूं नजरें न घुमाया कर |
सह लूँगा जमाने के हर सितम ,तुमको खुश देखकर ,
अपने मुशकुरते चहरे को , यूं परदे के पीछे न छिपाया कर ||

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