मोहब्बतों के सफर में खुशियां ढूंढते हैं,
मोहब्बतों के सफर में खुशियां ढूंढते हैं,
हर गली हर मोड़ पर हम तुझे ढूंढते हैं,
तेरे आने की आहट कभी नहीं मिली मुझे,
फिर भी पता नहीं क्यों हम वो रास्ता ढूंढते हैं,
तेरा एक भ्रम तोड़ देता हूं मैं खुदा,
जाग कर तुझसे पहले हम अपनी मां को ढूंढते हैं,
झिलमिल सी रौशनी भरी उस आसमां में,
हम अक्सर वो गुमा हुआ तारा ढूंढते हैं,
चाहत का एक दरिया नहीं समंदर है ज़िंदगी,
फिर भी लोग हर दम इसमें मोहब्बत ढूंढते हैं।