मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
आ जा आ जा मेरे कान्हा, रुत दीवानी
तुझे पुकारे दिल मेरा जब, मन वैरागी
राधे राधे रट ले प्यारे, तन के दागी।।
सूर्यकांत
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
आ जा आ जा मेरे कान्हा, रुत दीवानी
तुझे पुकारे दिल मेरा जब, मन वैरागी
राधे राधे रट ले प्यारे, तन के दागी।।
सूर्यकांत