मोदी एक महानायक
जो चुनौतियों को स्वीकारे
ऐसा प्रतीक है वो
हिन्दुस्तान को सीने में रखे
हनुमान जैसा सेवक है वो
समाज की सेवा करके वह
अपना ऋण वो चुकाता है
अपने वतन को कभी मिटने न दूँगा
यह सौगंध हर रोज़ उठाता है
महामारी का संकट आया
लोगों का हौसला टूटा, आसरा छूटा
तो पिता की भांति कर्त्तव्य निभाया
संजीवनी बन कर सामने आया
नीले गगन सी ऊंचाई जिसकी
धरा से भी जुड़ा है वो
‘वसुधैव कुटुंबकम’ की माला जपते
विश्व को भी जोड़ता वो
जलता भी है, तपता भी है
सागर – सा सब सहता भी है
जो आए आँच भारत पर
तो वो सुदर्शनचक्र – सा चलता भी है
विश्व को जोड़ने की
विभिन्न विधि अपनाता है
प्रवासियों को मिलाने की
जोत हर दिल में जलाता है
जनता की आवाज बनकर
इतिहास हर दिन लिखता
देश हो या प्रदेश
अतुल्य भारत बनाता ये विशेष
विश्वास बन कर हर सीने में
विकास का ख्वाब सजाता है
जगत गुरु की उम्मीद लेकर
विश्व एकता को जगाता है
तिरंगे को सीने में समाए
वह महानायक, योद्धा डटा है आज
घने अंधेरों से टकराते – टकराते
मशाल लेकर चलता है आज
प्रभु के दरबार में
हाथ जोड़े खड़े हैं सब
उगता रहे हर रोज यह सूरज
आशिर्वाद लिये सजदे में पड़े हैं सब.
🇫🇯सुएता दत्त चौधरी फीजी