मोदीराज हो
हास्य
मोदीराज हो
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कल रात पूजा पंडाल मेंं
अजीब बात हो गई,
न चाहते हुये भी खास हो गई,
आपके लिए शायद बड़ी बात हो
मगर मेरे लिए मेरी हसरतों पर
कुठाराघात सी हो गई।
कहाँ गया था मैं माता जी दर्शन को
उससे पहले ही मोदीजी से
अप्रत्याशित मुलाकात हो गई।
अजीब ये लगा कि मुझ शरीफजादे से मिलने के लिए
माता जी के दर्शन की बजाय
मोदी जी को मेरे पीछे आना पड़ा,
ऐसा लग रहा था
कि पूजा पंडाल में आना तो
सिर्फ़ उनका बहाना था,
असली मकसद सिर्फ मेरे दर्शन पाना था।
तभी तो वे पंडाल पंडाल मेरा पीछा कर रहे थे,
यहां आकर अपने मकसद में
आखिर सफल भी हो गये थे।
मैं उनसे बचने की कोशिश कर रहा था
वे मुझसे मिलने की जैसे जिद किये थे।
अफसोस कि मैं असफल और वे सफल हो गए।
औपचारिकता वश मैंने उनका हालचाल पूछ लिया
उन्होंने बिना लाग लपेट के
अपना दिल निकाल मेरे हाथ में दे दिया।
मोदी जी बेचारे बड़े भोले हैं
ये बात राहुल, अखिलेश, ममता
भला कहाँ मानने वाले हैं?
मगर वे मेरी सलाह मानें न मानें
पर मेरी बात एक बार जरूर सुनें।
मोदीजी कोई मेरे रिश्तेदार तो हैं नहीं
सिर्फ देश के प्रधानमंत्री भर हैं
मगर बड़प्पन का टोकरा सिर पर लिए
दुनिया भर मेंं विचर रहे हैं।
मैं ऐसा अपने अनुभव से कहता हूँ
सरेआम सबको बताता हूँ
जब वे मुझसे मिले तब
हाथ जोड़कर मुझसे कहने लगे
प्रभु! आप बड़े महान हो
मैं कब से आपको खोज रहा हूँ?
पूजा पंडालों के चक्कर लगा रहा हूँ,
आप कहीं रुकते नहीं हो
बड़ी मुश्किल से आपको पकड़ पाया हूँ,
अहोभाग्य मेरा कि आपके साक्षात दर्शन पाया हूँ,
चैन की साँस आज ले पाया हूँ
मगर एक बड़ी समस्या सामने है
उसे भी अपने साथ लाया हूँ।
बस मेरी विनती स्वीकार करो
आपसे बेहतर इस धरती आकाश मेंं
और कोई मुझे दिखता ही नहीं
अब आप ही मेरा बेड़ा पार करो।
जब मैंने समस्या पूछी
तो बेचारे मोदीजी कहने लगे
समस्या मेरे लिए बहुत बड़ी है
पर आपके लिए कोई मुश्किल नहीं है।
बहुत दिन हुए भगवन
अब थोड़े दिन की छुट्टी चाहता हूँ
तब तक आपको प्रधानमंत्री बनाना चाहता हूँ।
मैंनें आश्चर्य से मोदी जी को देखा
फिर बड़ी मासूमियत से कह बैठा
देखो प्यारे मोदीजी
मुझे इस मायाजाल मेंं न उलझाओ
अमित, योगी, राजनाथ, नड्डा
किसी को भी प्रधानमंत्री बनाओ,
मगर मुझे राजनीति मेंं न फँसाओ।
मायूसी से बेचारे मोदीजी कहने लगे
प्रभु! असली समस्या यही है
हमारी पार्टी में काबिल लोगों की पूरी फौज खड़ी है।
मगर मैं 2024 का चुनाव जीतना चाहता हूँ
उससे पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहता हूँ,
अब आप ठहरे शासन सत्ता के निर्मोही
इसीलिए सिर्फ आपको ये पद देकर निश्चिंत भाव से छुट्टियां मनाना चाहता हूँ।
वैसे भी काम तो बहुत है लेकिन
आपको सब अच्छे से पता है,
किसको कैसे निपटाना है
आपसे बेहतर तो मुझे भी नहीं आता है,
मेरी आदत बचपन से ही खराब है
मैं चुपचाप अपना काम निपटाता हूँ
उसी दौरान अपने अस्त्र शस्त्र चमकाता हूँ,
फिर बड़े प्यार से एकमुश्त प्रहार करता हूँ
ये बात जनता को कम अच्छा लगता है।
इसीलिये आपके माध्यम से ढेरों मसले
चुपचाप जल्दी से निपटवाना चाहता हूँ,
बस इसीलिए छुट्टी पर जाना चाहता हूँ।
चीन फीन की तनिक चिंता नहीं मुझे
पर पाक पर वार नहीं करना चाहता हूँ,
उसे आप ही निपटा दो
मैं खुद पर कोई कलंक नहीं चाहता हूँ।
अच्छा है आप पाकिस्तान को भारत मेंं चाहे जैसे मिला दीजिए,
रोज रोज का झंझट ही मिटा दीजिए
तब तक मैं थोड़ा विश्राम कर
तरोताजा होकर फिर आता हूँ।
फिर आपको कष्ट नहीं दूंगा
बाकी के सारे लफड़े मैं खुद निपटा लूंगा
चवन्नी अठन्नी छाप दलों का भाव नीचे गिरा दूंगा,
भाजपा का भाव इतना बढ़ा दूंगा,
सदियों तक भाजपा का राज रहे
ये सब इंतजाम आपके आशीर्वाद से कर दूंगा।
मैं मौन हो सुनता रहा
फिर कान खुजाते हुए बोला
जो मुझे करना है अभी बता दो
सब यहीं बैठे बैठे निपटा दूंगा
चिंता मत करो वत्स
जाओ आराम से छुट्टियां मनाओ,
तब तक मैं सारे काम निपटा दूंगा
कुछ काम एडवांस में कर दूंगा
तुम्हारे लिए जो कल समस्या बन सकती है
उसका भी हल भी अभी कर दूँगा
कुछ भी शेष नहीं रहने दूंगा
तुम्हारा जलवा मैं बढ़ा दूँगा।
मोदी जी बेचारे चौंक गये
मुझे बड़े ध्यान से देखने लगे
फिर धीरे से पास आकर बोले
प्रभु! आप तो सब जानते हैं
यमराज को भी आप कवि बनाते हैं
गांधी जी अपनी समस्या लेकर
आपके पास ही आते हैं।
ओह! तो बड़ा खोज खबर रखते हो
मुझ पर भी खुफिया विभाग छोड़ रखे हो।
मोदी जी अपने बाल खुजा कहने लगे
अरे नहीं हूजूर! आप तो सब जानते हैं
सत्ता के सारे हथकंडे पहचानते हैं।
अब आप मुझे आज्ञा दो
मैं निश्चिंत भाव से छुट्टी पर जाता हूँ
आप प्रधानमंत्री पद स्वीकार कर लो।
तब तक मैं केदारनाथ जाकर
जप तप साधना करके आता हूँ,
बस थोड़े दिन की ही तो बात है
फिर वापस आकर आपको
प्रधानमंत्री पद के भार से आजाद कर दूंगा,
आपके आशीर्वाद से फिर से
प्रधानमंत्री बन अपना काम करुंगा।
मैंने कहा-तथास्तु! जाओ वत्स
तुम्हारा कल्याण हो,
तुम्हारी जय जयकार हो
भारत ही नहीं सारी दुनियां मेंं
सिर्फ मोदीराज हो।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित