Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2022 · 2 min read

” मैथिली भाषा सं विमुख नहि करू अपन बच्चा कें “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
==============================
हम कखनो -कखनो किनको तर्क सं तिलमिला जाइत छी ,……अचंभित भ जाइत छी ! …कखनो माथ कुड़ीयबैत इ अन्वेषण करS लगैत छी। …कि एहन दिव्य व्यक्तिक प्रकाश मलिन किया भ गेलनि ? ……हुनका बुझने त ओ ज्ञानक आलोक पसारि रहल छथि ! …..किछु प्रेमी लोकनि हुनके तबलाक थाप पर मंत्रमुग्ध भेल आंखि बंद केने अप्पन गरदनि हिलेनाइ प्रारंभ कS देत छथि ! ….परंच जिनका ताल,…लय आ संगीतक कनिकबो ज्ञान रहित छैन्हि ओ एकाग्रचित भS सुनैत छथि !…. कनिकबो जे सुर सं विचलित भेलहुँ त इंगित केनाय सं परहेज नहि करताह !…. ओना सब प्राणीक विचारधारा एक सन नहि भ सकैत अछि ! …..हम जाहि परिवेश छी , जेना हम सबगोटे रहैत छी ,…..हमर जे कार्यशैली अछि ओ सब हमर लिखब ,….बाजव आ अभिव्यक्ति मे परिलक्षित हैत ! …..कियो कहैत छथि —-“बच्चा लोकनि पैघ -पैघ स्कूल मे अंग्रेजी आ हिंदी माध्यम मे शिक्षा ग्रहण करैत छथि ! हुनका लोकनि कें ओहि भाषा मे निपुण केनाय अतिआवश्यक ! मैथिली भाषा त ओहिना ओ सब सीख जेताह तें हमरा लोकनि कें अपना बच्चा सब सं अंग्रेजी आ हिंदीये मे बातचीत करक चाहि ! मैथिली त अप्पन भाषा अछि ताहि लेल चिंता जुनि करू ओ कखनो सीख लेत !”——- एहि रूपक विचारधारा प्रकट केनाय कोनो अपराध नहि थीक ! विचारक अभिव्यक्तिक अधिकार सबकें भेटल छैक ! आब निर्णय हमरा लोकनि कें करबाक अछि जे इ राग ‘ महेशवाणी ‘ भेल कि ‘नचारी ‘ ?बच्चाक प्रतिभाक रूपक संरचना हम कोनो भाषाक माध्यमे कोनो आकृति प्रदान क सकैत छी —–इ सत्य थीक ! परंच ,………आन भाषा मे अपना घर मे पढ़ाबि इ हम यथोचित कथमपि नहि बुझब !कियाकत ओ मैथिली भाषाक मोह आ बजनाइ सं कतो बंचित नS भ जाथि ! ……एतबे नहि गाम घरक परिवेश मे ओ अपना कें अनभूआर भ जेबाक शंका रहतनि ! बंगाली ,…..उडिया ,…..पंजाबी ,…गुजरती ,मराठी ,…..मलयाली इत्यादि लोकनि घर मे अपन भाषा मे गप्प करैत छथि आ ओहि भाषा माध्यमे अंग्रेजी आ हिंदीक ज्ञान देत छथि ! ……मिथिलाक माटि-पानि सं यदि बच्चा कें आकर्षित करबाक अछि त अपन तर्कक संगे न्याय करय पडत अन्यथा बरद आहांक…. जकरा सं नाथि लिय तकरे सं नाथू …..कोनो हर्ज नहि !
===============
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका

Language: Maithili
427 Views

You may also like these posts

sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Manoj Shrivastava
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
अंजाम ....
अंजाम ....
sushil sarna
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
Ravi Prakash
जॉन तुम जीवन हो
जॉन तुम जीवन हो
Aman Sinha
- जिसको अपनो द्वारा मिली दुत्कार उसको मिल रहा चाहने वालो से प्यार -
- जिसको अपनो द्वारा मिली दुत्कार उसको मिल रहा चाहने वालो से प्यार -
bharat gehlot
तुम्हारा प्रेम
तुम्हारा प्रेम
पूर्वार्थ
"दो नावों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
दिखावटी लिबास है
दिखावटी लिबास है
Dr Archana Gupta
.*यादों के पन्ने.......
.*यादों के पन्ने.......
Naushaba Suriya
अवसर आता वोट का, बारम्बार न भाय ।
अवसर आता वोट का, बारम्बार न भाय ।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शब्द ही...
शब्द ही...
ओंकार मिश्र
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
Ashwini sharma
आज पशु- पक्षी कीमती
आज पशु- पक्षी कीमती
Meera Thakur
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
ज़िन्दगी के
ज़िन्दगी के
Santosh Shrivastava
🍁यादों का कोहरा🍁
🍁यादों का कोहरा🍁
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
प
*प्रणय*
वरना बे'आब
वरना बे'आब
Dr fauzia Naseem shad
मेरा भारत महान --
मेरा भारत महान --
Seema Garg
ज़ेवर नहीं, ज़ंजीर है यह
ज़ेवर नहीं, ज़ंजीर है यह
Shekhar Chandra Mitra
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
प्रदूषण की छांव में दिल्ली
प्रदूषण की छांव में दिल्ली
Dr. AMIT KUMAR DIXIT
🌹सतत सर्जन🌹
🌹सतत सर्जन🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कल की चिंता छोड़कर....
कल की चिंता छोड़कर....
जगदीश लववंशी
Loading...