Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2021 · 4 min read

मैथिली भाषा आओर संगे अवधी मगही ब्रजभाषा भोजपुरी इतिहास आ वर्तमान

.एहि अध्याय सँ पहिने हम सभ लोकनि किछु मुख्य बिन्दु आओर पुरान भाषा इतिहास केर अध्यन कऽ लेब तखन बड नीक होयत !हम मुख्य रुपसँ बगाली अवधी ब्रजभाषा मैथिली इतिहास केँ बारे मे कहै चहैब जतँ सदिखन अनेको तरहक सवाल प्रश्न मोन मे उभरैत अछि!

बिहारी-बिहारक क्षेत्र पूर्व हिन्दी धरि बंगला
केँ बीच मे अछि !बिहार केँ बाहर उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिला -बनारस मिर्जापुर गाजिपुर गोरखपुर देवरिया आजमगढ तहिना बस्ती भाषाक दृष्टि सँ बिहार कए भाग मानल जाइत अछि ,बिहार मे बिहारी भाषा बोली एखुनका समय केर देखत हुए भारत सरकार केर अनुसारे सेहो एक भाषा आओर दुटा बोली अछि,जे सहोदर बहिन कहल जाइत अछि , जेना बंगला उड़िया असमिया ! मैथिली के अपन लिपि अछि मुदा भोजपुरी मगही कैथी लिपी मे लिखल जायेत रहै ,मुदा प्रश्न इ अछि , बिहार मे कचहरी मे सेहो कैथी वस्तुत लिपि सदिखन रहल, तखन इ आधार सँ भोजपुरी आओर मगही के लगै अपन लिपी नै अछि , मुदा बिहार मे स्कुल महाविद्यालय आओर पोथी प्रकाशन मे देवनागरी लिपि प्रयोग करैत अछि, मुदा भारत सरकार केँ संविधानक आठवाँ अनुसूची मे मैथिली शामिल होए कारणे इ भाषा लेल मैथिली के लिपी आगु बढिबी इ भारत सरकार लेल एकटा चुनौती अछि ! आय बिहार मे तीनो भाषा आओर बोली पृथक अछि, मुदा तीनों बोलनेवाला एक दोसर केर सरलता कए समझ लैत छथि,मुदा मैथिली मे प्रचीन आओर एखुनका साहित्य सेहो संस्कृत के प्रयोग अनेको तरहक सँ किछ सहित्यकार लोकनिक व गीत नाद मे होबै कारणे कठिन बुझाय छै

मुदा ई अध्याय ऐच्छिक मात्र के लेल अछि यदपि इ आय व्याकरण के एकटा हिस्सामे छैक, जे अपन भाषी सँ जाति विशेषक प्रश्नक चिह्न उठैय अलोचना उछलैत रहै अछि ,संस्कृत समाहित लेल विश्वक प्राचीन मे आधुनिक दौउर मे सिंहासन सेहो विराज रहल छथि ,
!वैह भोजपुरी आओर मगही मे हिन्दी विराज रहल छथि आ इ बुझबा मे आबि जाएत अछि जे इ कोनो नै कोनो तरह सँ मगही भोजपुरी भाषा के लेल खतरनाक बुझि पड़ैत अछि ऐहि देखिकें किछ भाषा अभियानी आओर साहित्यकार आय हिन्दी सँ प्रेम नित दिन उमैरत अछि अतह कें अभियानि आओर साहित्यकार अपन भलाई सोचैत छथिन आओर एहि कारणे सँ मैथिली अपन सहोदर बहिन भोजपुरी मगही सँ पृथक भऽ रहल अछि, कतौ नै कतौ प्रश्न सहित्य केर जखन होइत अछि तखन इहि भाषा मे मैथिली कें सबसँ प्राचीन भाषा रूप मे विधमान के पुष्टि करैत अछि,मुदा भोजपुरी के कबीरक दोहा के ओहि समयक मे विधमान अधार मानै परै छन इ मुख्य रूप सँ पाँच भाषा मिश्रित थीक जे किछु किछ कतिपय पद मिलैत अछि मुदा मैथिली किछ अंश ओतह विधमान अछि जेकरा मैथिली बोली सेहो कहल जाएत अछि मुदा ऐहिके मगही मे सर्वथा अभाव रहल अछि ,यदपि बिहारी शिक्षा दृष्टि सँ हिन्दी कए ज्यादा प्रेम करैत अछि मुदा इहिमे संगे मैथिली भाषी अपन प्राचीन सहित्य आओर इतिहास प्रति बहुतो अधिक प्रेम अखनो विराजमान छथि भऽ सकैए जे अधिक पोथी लेखन इ कारण सदिखन रहल , आय साहित्य दृष्टिसँ बहुत अधिक सृमिध्द अछि मुदा एक जाति विशेष के संस्कृत अधिक प्रयोग के कारण राजनीति सँ घिरैत आबि रहल अछि जेना बज्जिका अंगिका सुर्यापुरी आदि परन्तु ऐहन गप्प नै अछि जँ संस्कृत बिनु मैथिली नै लिखल जा सकैत अछि वा सुनबामे नीक नै लागत !बुझायएह जेना हमर उत्तर भारत के गौरव भाषा मैथिलीकेँ सौदृय पर केआ ठेगा लऽ वार कऽ रहल छथि,जे कोनो तरहक सँ आजुक अंगिका आ बज्जिका वासी के लेल सबसँ धार्मिक,एक दोसर मे एकजुटता के लेल खतरा उत्पन्न करैत अछि,ई चुनौती राजनेता आ केन्द सरकार, राज्य सरकार केर लेल बड पैघ अछि,ओतबे अंगिका आओर बज्जिका के भाषा रूप स्थापित करबा लेल आंदोलन करनिहार लोकनि कए लेल सेहो ,जतह रामायण महाभारत वैद पुराणमे मिथिला क्षेत्र संस्कृति कए बज्जिका अंगिका कए क्षेत्र देखाउल गेल अछि जे एक दोसर कए परस्पर बन्हिकए रखैत अछि,ई परस्पर संस्कृतिक बंधन तोडबा लेल सदिखन शोध करै छथि,किछ प्राचीन ग्रंथ पुराण मे झूठ लिखल गेल छल एहि प्रश्नक उत्तर ओहि सत्यता आबि ठहार कएल जाएत अछि। मुदा अखनो इहि अंगिका बज्जिका क्षेत्रसँ नवका भाषाकए अनुपात मे अधिक मैथिली मे सृजन होइत अछि तखन अंदोलन केहन जाहि कारणे दूटा घुट बटी गेल अछि, जे भाषा आंदोलन कर्ता के लेल सदिखन चुनौती बनि रहल छै ,
मुदा प्रश्न उठैत अछि ई धर्मक संकट वा संस्कृति संस्कार संकट के करिब नै आनी कऽ ठारह कए दे, ओहि समय नै अपन भाषा रहत नै अप्पन संस्कार संस्कृति जे एक दोसर जोर सँ बान्हिके राखैत, मुदा तखनो आजुक अंगिका बज्जिका भाषा अदोलन करनिहार अपन लोक रुकैत अछि से कोना ठारह होइत अछि,तखन मौन परल अपन सभिमान आ सभसँ बेसी मात्रभाषा प्रति सरकार उदासीनता पर जे समयक संग भाषा
अपन स्वरूप बदलि रहल अछि ,तखन अंगिका
बज्जिका पुरान केना नै भेल जे आन भाषाक प्रभाव अपन अस्तित्व बदलैत अछि जतए कम साहित्य आ लेखिनी पढाई आबै छै, तखन ओ किया नै अंदोलन करता चाहै प्रसिद्ध साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन उर्फ केदारनाथ पाण्डेय द्वारा नामकरण अस्तित्व 1954 ई0 आयल होइत,मुदा पुरान थिका,फेरो मोन मे एकटा प्रश्न ठाढ़ होइ गेल अवधी भोजपुरी ब्रजभाषा मे इ कियैक ने भैल तखन ङा० सुनीता चटर्जी के पोथी पर आबि कऽ विराम भेटल आ ओहिमे प्रश्न उठि गेल मैथिली मे जतेक बोलबा आ लिखबा मे विभिन्नता नै अछि ओहिसे अधिक स्थापित भऽ गेल अछि जतह जेना मोन होइए तहिना लिखबा कारणे तखन इ भाषा बोली कए संविधानकए आठम अनुसूची स्थान नै भेटये सेहे नीक होइत ने तऽ ई सनठी कए लकरी जँका तोरल जाएत तखन दोषी केकराकए कहब,मुदा जँ राहुल
सांकृत्यायन आओर मैथिलीक प्रभुख महाकवि
यात्री कए गप्प होएत अछि तखन मोन मे अनायास मालूम होइत अछि राहुल सांकृत्यायन
आ सदिखन यात्री कए मैथिली संग हिन्दी संस्कृत भाषा मे लेखन करबा लेल प्रेरित संगे जन कए आवाज बनबा लेल ,मुदा हिन्दी के स्थापित भाषा बनबा मे सदिखन आगु रहथि ताहि कारणसँ यात्री कए सदा बुझलथि ओहि कारणे रहल जे मैथिली प्रेमी साहित्यकार आनो समय धरि आगू ऐला जाहिमे

1 ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर
2 आरसी प्रसाद सिंह
3 फणीश्वरनाथ रेणु

प्रभुख रहल अछि, मुदा राहुल
सांकृत्यायन आओर यात्री के दुनु गोटा अटुट प्रेम स्नेह जग जाहिर अछि,चाहै बौध्द धर्म ग्रहण करैत बिताओल श्रीलंका व आन ठाम किछु दिन पल हुए

क्रमशः ……………

मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 638 Views

You may also like these posts

हर मौसम भाता है मुझे,
हर मौसम भाता है मुझे,
ओसमणी साहू 'ओश'
कौन है वो
कौन है वो
Sonam Puneet Dubey
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जीवन में निरंतर जलना,
जीवन में निरंतर जलना,
जय लगन कुमार हैप्पी
उपवास
उपवास
Kanchan verma
4385.*पूर्णिका*
4385.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
sushil sarna
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
कुछ किताबें और
कुछ किताबें और
Shweta Soni
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
"जीत की कीमत"
Dr. Kishan tandon kranti
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
यदि हमें अपने वास्तविक स्वरूप का दर्शन करना है फिर हमें बाहर
Ravikesh Jha
विशेष सूचना
विशेष सूचना
निधि यादव
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
बाल कविता शेर को मिलते बब्बर शेर
vivek saxena
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Shyam Sundar Subramanian
दोहा चौका .. सफर
दोहा चौका .. सफर
Sushil Sarna
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
..
..
*प्रणय*
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
आदि शक्ति
आदि शक्ति
Chitra Bisht
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
*गधा (बाल कविता)*
*गधा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...