मैं ….
मैं ….
मैं
कल भी ज़िंदा था
आज भी ज़िंदा हूँ
और
कल भी ज़िदा रहूंगा ।
फ़र्क
सिर्फ़ इतना है कि
मैं
कल गर्भ था
आज
देह हूँ
कल
अदेह हो जाऊंगा ।
गर्भ की यात्रा से शुरू
मैं
मैं की केंचुली छोड़
अनंत के गर्भ में
अमर
अदेह हो जाऊंगा ।
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित