मैं हूं तेरे साथ
ना डर मेरे लाडले ,आगे चलते-चल
मैं हूं तेरे साथ, तू आगे चलते-चल।।
किस बात की है हैरानी,तू ढूंढ ले ओ रौशनी
मैं हूं तेरे साथ,तू मन में भर के विश्वास बस आगे चलतें-चल।।
उम्मीदों के उड़ा पतंग, देखकर रह जाएं तुझे दुनिया दंग
मैं हूं तेरे साथ,बस तू अपने पथ में चलते-चल।।
तोड़ के हर बंदिशों को, जीत लो इस दुनिया को
मैं हूं तेरे साथ, पिता के पथ-चिन्हो पे चलते-चल।।
नीतू साह
हुसेना बंगला, सीवान-बिहार