मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं
अगर छोड़ दे सभी साथ तुम्हारा।
निराश जिंदगी में तू होना नहीं।।
अगर तोड़ दे सभी दिल तुम्हारा।
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं।।
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं।।—–(2)
अगर छोड़ दे सभी —————————-।।
कभी ऐसा तू नहीं सोचना।
मोहब्बत नहीं तुमसे यहाँ किसी को।।
डरना नहीं मुझसे तू बेवजह।
चाहता हूँ सच मैं इतना ही तुमको।।
खुशी गर किसी से मिले नहीं तुमको।
तू नाखुश खुद से होना नहीं।।
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं।।—–(2)
अगर छोड़ दे सभी —————————-।।
तुम्हारी खुशी ही मेरी खुशी है।
तुम्हारा गम यार मेरा भी गम है।।
कर दूँगा रोशन मैं दुनिया तेरी।
तुम्हारी पसंद ही मेरी पसंद है।।
बहारे- चमन गर बन जाये खिजां।
बेख्वाब फिर भी तू होना नहीं।।
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं।।——(2)
अगर छोड़ दे सभी —————————-।।
होती नहीं अगर तुमसे मोहब्बत।
क्यों मैं तुम्हें खत ऐसे लिखता।।
एक जमाना गुजर गया तुमसे मिले।
क्यों मैं तुम्हें याद ऐसे करता।।
मिले नहीं गर तुमको प्यार किसी से।
अकेला कभी खुद को कहना नहीं।।
मैं हूँ ना, हताश तू होना नहीं।।——-(2)
अगर छोड़ दे सभी —————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)