मैं ही तो हूँ
पिता का मान
माँ की संतान
देश की शान
मैं ही तो हूँ।
लिखने वाला गान
जो चलाता है बान
देश का किसान
उडाये जो विमान
मैं ही तो हूँ।
सिले जूते
या हो अफ़सर
कचड़ा उठाता हो
या चलाए दफ़्तर
मैं ही तो हूँ।
देश का भविष्य
बनाये जो सुंदर दृश्य
हो डॉक्टर
या हो ऐक्टर
मैं ही तो हूँ।
‘मैं’ अर्थात मनुष्य
मैं हूँ देश का भविष्य
मैं अर्थात देश का नागरिक
हूँ मैं खुद के लिए जागरूक।
जाती ऊँची हो या नीची
काम अच्छा हो या बुरा
लगाए तिलक या डाले बुर्का
खाये पीज़ा या खाये लीची
ना करो इतना भेदभाव
क्योंकि तुम भी
मैं ही तो हूँ।