मैं सूर्य हूं
मैं सूर्य हूं
प्राची से निकलकर
अपनी मंजिल पाता हूं।
नित तपता हूं।
नित जलता हूं।
जो कोई मुझसा बनना चाहे
नित उठ मुझसा निखरना चाहे
अपनी मंजिल पाना चाहे
जीवन अपना संवारना चाहे
संघर्ष की भट्टी में जलना होगा
आलस त्याग कर्म पथ पर बढ़ना होगा।
भगवती पारीक ‘मनु’