मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मिली थी जिंदगी जी भर के जीने को,
मैं खुद में घुट घुट के मर गया तो किसी और की इसमें गलती क्या?
चुनौतियों के सामने जो लड़े वो योद्धा है,
आते ही चुनौती जो घुटनों पर झुक गया, तो हौसलों की इसमें गलती क्या?
खुद में छुपे खुदा से अनजान रहना इंसानी फितरत है।
फिर जो हुआ मेंरे साथ उसमे उस खुदा की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या……..