मैं रात-दिन
तेरे दिल को मैं छुआ करूं ।
मैं रात-दिन ये दुआ करूं ।।
जो कहे वो रस्मे अदा करूं।
तुझे खुद से मैं न जुदा करूं।।
हम बिछड़ के जी नहीं पायेंगे।
तुझे कैसे फिर मैं विदा करूं।।
मुझे प्यार तुझसे है बेपनाह ।
मेरी जान तुझपे फिदा करूं।।
मेरी हर खुशी तेरे नाम हो ।
मैं ख़ुदा से बस ये दुआ करूं।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद