“मैं भी महान बन जाऊंगा”
जरा मेरी भी किताब छप जाए ,मुझे साहित्यरत्न मिल जाये और बड़े-बड़े महफिलों में बोलने का मौका मिल जाये फिर मैं किसी को ना दोस्त समझूंगा ना किसी से नाता ही रखूंगा !@परिमल
जरा मेरी भी किताब छप जाए ,मुझे साहित्यरत्न मिल जाये और बड़े-बड़े महफिलों में बोलने का मौका मिल जाये फिर मैं किसी को ना दोस्त समझूंगा ना किसी से नाता ही रखूंगा !@परिमल