मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी
मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी,
तुम ख़्वाब मेरे बन जाना!!
मैं बन कर रहूंगा राज़ तुम्हारा,
तुम हमराज़ मेरे बन जाना!!
आँखें खोजती है तुम्हारा पता,
बस तुम मंज़िल मेरे बन जाना!!
सपनों में मिलना, जैसे हसरत हो,
बस हकीकत में तुम मेरे बन जाना!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”