-मैं फौलाद ( मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद।)
मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |
मैं फौलाद, मैं……………………….1
पाक आजा, आजा, आजा तु चकले फौलादी स्वाद,
मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |
तेरा आतंक तुने दिखाया हैं, अब संभल लेना तु जर्रा,
तेरे आतंक से मेरा फौलाद जगा, बचके रहना तु जर्रा,,
तुझे पता नहीं हैं, मैं हूँ मैं हूँ फौलादी उस्ताद,,
मैं फौलाद, मैं……………………….2
ए – पाक तु मेरे फौलाद से मिट्टी में दफन हो जायेगा,
ए -पाक में पानी छोडू भी तो, तु पानी में बह जायेगा,,
बचना तो तेरा नामुमकिन कौए मनायेंगे श्राद,,
मैं फौलाद, मैं……………………….3
मर्दानी जोश तुनें देखा नहीं हम दिल में रखते जोश,
अभी तो अठारह का बदला लिया, तु खो बैठा होश,
आजा तु हमसे टकराले ऊबल रहा फौलाद,,
मैं फौलाद, मैं………… …………….3
दरिंदगी तेरे में छुपि हैं आतंक कराने में तु देता साथ,
बहूत हो चुका ये तेरा आतंक अब नहीं रहेंगे तेरे हाथ,,
सुनले अब तुँ पाक,मैं लासो की करदूँगा बर्षाद,,
मैं फौलाद, मैं………………………4
तु आतंक का गर्जन, पर मैं तो फौलादी बन बरसता,
जर्रा मुझमें झाक ले पाक, मैं मिट्टी में दफन करता,,
पवित्र भारती में न, तु करले पाक धरा यादाद,,
मैं फौलाद, मैं………. ……………..5
हसरत तेरी में बदल डालूँगा, दूनिया से तेरा ओझल,
सभंल जा जर्रा पाक वर्ना धरा होगी तेरे रक्त से लाल,,
हम तैयार रण में आजा पाक तेरी न औकाद,,
मैं फौलाद, मैं……………………… 6
मैं फौलाद, मैं फौलाद, हूँ हूँ, भारत माँ की औलाद |
पाक आजा,आजा, आजा तु चकले फौलादी स्वाद||
रणजीत सिंह “रणदेव” चारण
मुण्डकोशियां
7300174927