मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
सैर करें हम, मिलके जीवन की
बाते हैं सारी मेरे ही मन की
उम्मीद है जैसे तू मेरे जीवन की
हिलोर ऊठे है जैसे समुद्र की
तुझे दिल में बसा लूू, तुझे दिल की धड़कन बना लू
आंखें बंद करके, सारे जहान से तुझे मैं छुपा लूं
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
सैर करें हम, मिलके जीवन की
प्यार नहीं था
किया जो तूने वादा
पूरा किया नहीं था
चंद साँसे हे यहाँ जीवन की
कोई डोर नहीं थी
फिर भी पतंग, उड़ रही थी
अपनी जीवन की
थी ख्वाहिशें कितनी ही दिल की
तु मिला पूरी हुई, हर उम्मीद जीवन की
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
सैर करें हम, मिलके जीवन की
चंगी हे सीरत मासूम चेहरे
आँखों ही आँखों से बया होते नहीं
दिल के कोने में, जो दर्द बरसों से ठहरे
आँखें जो बंद की, सामने आते हैं
वो अनजान चेहरे
चेहरे चमकीले, दिल के काले
अच्छी नियत दिखती है जिनकी
लगता है फरेबी हे सारे
आवारा घूमा करते थे जो कभी गलियों में
किस्मत वाले दिखते है, वो आज सारे
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
सैर करे हम, मिलके जीवन की