मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
रानी बिटिया कह कर बुलाते हैं वे मुझे
प्यार और दुलार इतना ही नहीं
सहनशक्ति,साहस, विरता भी दी है मुझे
संस्कार से घर बनाने का ही नहीं
गलत का कटाक्ष कहने का गुण दिया है मुझे
सरलता,सहजता, शीतलता भाव में उनके
परवरिश ने उनकी,है सफल बनाया मुझे