मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
लेकिन खुदा को शायद यह भी मंजूर न था
खड़ा कर दिया बीच बवंडर में ला कर हमको
हम चाहकर भी दो कदम आगे बढ़ा ना सके
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
लेकिन खुदा को शायद यह भी मंजूर न था
खड़ा कर दिया बीच बवंडर में ला कर हमको
हम चाहकर भी दो कदम आगे बढ़ा ना सके