मैं ताउम्र तुम से
मैं ताउम्र तुम से
यूँ ही मोहब्बत करता रहूं
हर घड़ी, हर लम्हा
तुम पे मरता रहूं
हो रोशन मेरी दुनियां तुम से
तुम से ही मेरा दिन, मेरी शाम हो
मेरी हर साँस तेरे ही नाम हो
हो जाओ जो दूर तुम तो क्या
मैं फिर भी
तुम्हें याद करता रहूं ताउम्र,
रुकने लगें धड़कनें दिल की
तो, आरज़ू बस तेरे दीदार की हो
हिमांशु Kulshrestha