“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
जग की गणित , परे है मेरे ,
मैं बहता कविता की भावनाओं सा सरल,
जग के गुणा भाग , परे है मेरे l”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
जग की गणित , परे है मेरे ,
मैं बहता कविता की भावनाओं सा सरल,
जग के गुणा भाग , परे है मेरे l”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”