मैं आजादी तुमको दूंगा,
मैं आजादी तुमको दूंगा,
कुछ लोग लहू मुझको दे दो।
वो कहता सुनो देश वालों,
संघर्ष करो दुश्मन खेदो।
संघर्ष से आत्मविश्वास मिले,
संघर्ष ही मनुज बनाता है।
संघर्ष डगर पर जो निकले,
अति साहस खुद में पाता है।
अन्यायी के अन्याय से भी,
अन्याय सहन अपराध बड़ा।
याचना नहीं संघर्ष करो,
जीतेगा जो जिद आन खड़ा।
हिंसक से बात अहिंसा की,
आशा करना बेमानी है।
अनुनय से भीख तो मिलती,
आजादी लड़कर पानी है।
जय हिंद की नारा दिया हमें,
अजाद हिन्द दल तैयार किया।
अगुवा बन करके निकल पड़ा,
सर्वस्व देश पर वार दिया।
जाने कितने आजादी के,
दीवाने फांसी झूल गए।
सत्ता में बैठे शासकगण,
उन सब वीरों को भूल गए।
माँ भारत के महावीरों में,
यह बोष भी बहुत दुलारा है।
नेता सुभाष को झुक करके,
श्रद्धा से नमन हमारा है।