मैं आग लगाने आया हूं
जो सदियों से सोए हुए
बस उन्हें जगाने आया हूं
मूर्दों की इस बस्ती में
मैं आग लगाने आया हूं…
(१)
मज़हब के रखवालों ने
तुम्हारा बेड़ा ग़र्क़ किया
इनसे ज़रा सावधान रहना
यह तुम्हें बताने आया हूं…
(२)
जिस पर चलने में सबकी
तरक्की और खुशहाली हो
तालीम और अख़लाक की
वही राह दिखाने आया हूं…
(३)
भेड़ों की खाल में छुपे हुए
कितने खूंख़ार भेड़िए
अपने देश और समाज को
उन सबसे बचाने आया हूं…
(४)
जिसे लिखा था भगतसिंह ने
अपने दिल के ख़ून से
बगावत और इंक़लाब का
वही गीत सुनाने आया हूं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#इंकलाब #नारा #बगावत #क्रांतिकारी
#मज़दूर #सियासत #भगतसिंह #विपक्ष
#फांसी #कवि #गीतकार #हल्लाबोल
#lyricist #lyrics #bollywood