मैं आँखों से जो कह दूं,
मैं आँखों से जो कह दूं,
क्या तुम दरिया बन बह जाओगे ?
अधरों पर जो रख दूं मन का,
क्या बिन बोले सुन पाओगे ?
गर कह दूं व्यथा वेदना तुमसे
क्या तुम मुझको सह पाओगे ?
मेरे दिल पे क्या गुजरी है,
यह कैसे जानोगे ?
कैसे कह दूं क्या कह दूं
बोलो ….
क्या तुम कैसे समझोगे?
(स्वरा कुमारी आर्या ✍️)