मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
वो अकेला है मगर भटकते हुए कितनों को राह दिखाता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
वो अकेला है मगर भटकते हुए कितनों को राह दिखाता है