मैं अंजाम से वाकिफ हूं
इस दौर में मैं मुहब्बत के परिणाम से वाकिफ हूं
क्या है सिला वफा का इनाम से वाकिफ हूं
रिश्ता रूह का अब जिश्मों तक सिमट रह गया
तुझे आगाज़ मालूम है मैं अंजाम वाकिफ हूं
प्रज्ञा गोयल ©®
इस दौर में मैं मुहब्बत के परिणाम से वाकिफ हूं
क्या है सिला वफा का इनाम से वाकिफ हूं
रिश्ता रूह का अब जिश्मों तक सिमट रह गया
तुझे आगाज़ मालूम है मैं अंजाम वाकिफ हूं
प्रज्ञा गोयल ©®