मैंने सीखा है मां से
मैं कभी नही भूल सकती माँ,
कि तूने मुझे क्या-क्या सिखाया।
– किसी बिखरी हुई चीज को सलीके से रखना सिखाया।
– टूटे हुए को जोड़ना सिखाया।
– घर के सूने कोने को सजाना सिखाया।
– मन का सब्र बांधना सिखाया।
– घर के बजट को हर स्थिति में बनाए रखने का हुनर ।
– निश्चल प्रेम और दया का पाठ पढ़ाया।
– परिवार और रिश्ते नातों को साथ बंधे रख,
चलना सिखाया।
– कड़वे घूंट पी कर भी ,अपने कर्तव्य और
निस्वार्थ सेवा का परिचय करवाया।
– विकट परिस्थितियों में मनोबल को बनाए रखने
की शक्तियाँ सीखी।
– अपने शौक को दफना कर अपने बच्चो की
ज़िद पूरा करने की कला सीखी।
– पापा की डाट, मार पर ढाल बन कर खड़ा होना सीखा।
– सब के काम समय से पहले निपटाना सीखा ।
– एक time पर 2–3 काम को पूरा करने
की बारीकियां सीखी।
–और देखा और सीखा मेने माँ का निस्वार्थ समर्पण।