मैंने कब कहा था
तुझसे मुझे प्यार है
मैंने कब कहा था
तू ही मेरा यार है
मैंने कब कहा था…
(१)
पलभर साथ कर ली तो
इजरार समझ बैठा
हंसकर बात कर ली तो
इकरार समझ बैठा
तेरा इंतज़ार है
मैंने कब कहा था…
(२)
मुझे नींद नहीं आती
कहीं चैन नहीं मिलता
जब तक तुझे न देख लूं
खाना-पीना नहीं रुचता
ये दिल बेकरार है
मैंने कब कहा था…
(३)
तू नहीं मिला तो मैं
जीते जी मर जाऊंगी
पढाई चाहे नौकरी
कुछ नहीं कर पाऊंगी
तुझसे ही संसार है
मैंने कब कहा था…
(४)
ये मेरा रूप-मेरा यौवन
रंगीन बहारों का उपवन
ये ऊंचे पर्वत-गहरा सागर
कुदरत का खुला आंगन
तुझसे सब गुलज़ार है
मैंने कब कहा था…
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Shekhar Chandra Mitra
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