मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
वेबस आंसूओं से चेहरे को भिगोते देखा है ।
इस भरी दुनिया में अब कोई किसी का नहीं ।
मैंने एक मां को बच्चों के संग फांकें से सोते देखा है ।
Phool gufran
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
वेबस आंसूओं से चेहरे को भिगोते देखा है ।
इस भरी दुनिया में अब कोई किसी का नहीं ।
मैंने एक मां को बच्चों के संग फांकें से सोते देखा है ।
Phool gufran