Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2023 · 2 min read

मेहनती मोहन

// मेहनती मोहन //

शहर के पास ही एक गाँव था- जामगाँव। इसी गाँव में मोहन नाम का एक गरीब लेकिन मेहनती और ईमानदार लड़का अपनी दादी माँ के साथ रहता था।
दादी माँ बताती हैं कि जब वह मात्र डेढ़ वर्ष था तभी उसके माता-पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उसके माता-पिता मोहन को खूब पढ़ा-लिखाकर एक बड़ा आदमी बनाना चाहते थे, इसलिए उनकी मौत के बाद दादी माँ ने सिलाई-कढ़ाई तथा दूसरों के घर झाडू-पोंछाकर मोहन को पढ़ाना शुरू किया।
मोहन को बड़ा करने तथा पढ़ाने के लिए दादी माँ ने रात-दिन एक कर दिया ताकि उसकी परवरिश में कोई कमी न रह जाए। उसकी मेहनत बेकार नहीं गई। मोहन पढ़ने-लिखने में बहुत तेज निकला। वह हर कक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होता गया। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में चयनित होने तथा हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में पूरे राज्य में प्रथम आने से उसे मेधावी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति और प्रोत्साहन राशि भी मिलने लगी।
मोहन जब थोड़ा-सा बड़ा हुआ तो उसने दादी माँ का दूसरों के घर काम करना बंद करवा दिया। बोला- ‘‘दादी माँ, अब मैं काम करूँगा और आप आराम करेंगी। आपको दूसरों के घर काम करते देख, मुझे अच्छा नहीं लगता।’’
दादी माँ बोली- ‘‘बेटा, अभी तुम बहुत छोटे हो। अभी तो तुम्हें खूब पढ़ना है, बड़ा आदमी बनकर अपने माता-पिता के सपनों को साकार करना है। जब तुम बड़े आदमी बन जाओगे तब मैं ये सारे काम बंद कर खूब आराम करूँगी।’’
मोहन भी कम जिद्दी नहीं था। वह अड़ गया। बोला- ‘‘खाक छोटा हूँ। ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता हूँ। अब मैं छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करूँगा और खुद भी पढूँगा, पर आपको दूसरों के घर काम करने नहीं दूँगा।’’
दादी माँ की आँखों में आँसू आ गए। उसे अपने बेटे (मोहन के पिता) की याद आ गई। वह भी ऐसा ही जिद्दी था। जो कहता वह करके ही रहता। मोहन की जिद के आगे दादी माँ को झुकना ही पड़ा।
अब मोहन छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा। छात्रवृति तथा ट्यूशन से मिलने वाले पैसों से दादी-पोता दोनों का खर्चा निकल जाता और उसकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होती थी।
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्त्तीसगढ़

185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भव- बन्धन
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
मायावी लोक
मायावी लोक
Dr. Rajeev Jain
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
3589.💐 *पूर्णिका* 💐
3589.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा
Dr fauzia Naseem shad
पढ़ता  भारतवर्ष  है, गीता,  वेद,  पुराण
पढ़ता भारतवर्ष है, गीता, वेद, पुराण
Anil Mishra Prahari
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
👍आज का एलान👍
👍आज का एलान👍
*प्रणय*
भारत माता के सच्चे सपूत
भारत माता के सच्चे सपूत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
पूर्वार्थ
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
मै नर्मदा हूं
मै नर्मदा हूं
Kumud Srivastava
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
Rj Anand Prajapati
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने खुद की सोच में
मैंने खुद की सोच में
Vaishaligoel
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
गर्म चाय
गर्म चाय
Kanchan Khanna
💞मुझे तो तोहफे में. ...
💞मुझे तो तोहफे में. ...
Vishal Prajapati
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
Chaurasia Kundan
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
Loading...