मेवाती दोहे
हालत अपणी मेवात का, जासू बदले नाए
जो चौर हटे तो डांकू बैठे , लूट लूट के खाए।
हालत अपणी मेवात का, जासू बदले नाए
जो चौर हटे तो डांकू बैठे , लूट लूट के खाए।
डांकू हटे तो वासु पीछे , आके बैठे डांकी।
हम जिंदाबाद करें रौजीना, रोज निकालें झांकी।
हम भी या का दोषी हैं, कस लू दैवें दौष।
कुछ बिक जावें बिरयानी में, जिन्ने नाहै होश ।
ना तो ढंग की सेड़क बीरा , ना ढंग की स्कूल।
बस मिली सेल्फी नैता संग , गया खुशी में फूल।
मेडिकल की भाई सुविधा , बिल्कुल अच्छी नाएं,
ताव चढ़ें तो वा में भी , दिल्ली तौड़ी जाएं।