मेरे क़त्ल का इल्ज़ाम।
मेरे क़त्ल का इल्ज़ाम उन पर है,
जो कभी हमारी जिंदगी हुआ करते थे,
कल वो मेरे दिल मे हुआ करते थे,
आज रक़ीब की बाहों में हुआ करते है।
दीपक ‘पटेल’
मेरे क़त्ल का इल्ज़ाम उन पर है,
जो कभी हमारी जिंदगी हुआ करते थे,
कल वो मेरे दिल मे हुआ करते थे,
आज रक़ीब की बाहों में हुआ करते है।
दीपक ‘पटेल’