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24 Apr 2020 · 1 min read

मेरे हिस्से का दुःख

मेरे हिस्से का दुःख था और कहां जाता //
आना ही था उसको फिर कैसे न आता //
सोचा था सुख सारे दुनिया के हर लूंगा //
सोचा ये था दुःख सारे सबके हर लूंगा //
पर हिस्से थे सबके अलग दुखों के //
पर किस्से थे सबके अलग सुखों के //
जो न था अपने हिस्से का कैसे मैं पाता //
मेरे हिस्से का दुःख था और कहां जाता //

अशोक सोनी ।

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 226 Views

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