मेरे हमराज
ऐ मेरे मेहरबानो शुक्रिया तुम्हारा.
जो तुमने रखा इतना खयाल हमारा.
तुम अगर उजागर ना करते मेरी कमजोरी.
तू शायद बढते ही जाती मेरी मगरुरी.
तुमने घावो से किया मेरा तन छलनी.
शुक्रिया तुम्हारा की मेरे गंदे खून की हो गई छननी.
तुमने दिखाया बेरहम बनकर कौर्य.
इसीलिए जागा हममे असिमीत धैर्य.
तुम्ही तो हो मेरे संगतराश जिन्होने बडी बेरहमी से हमे तराशा.
तुम्हारी ही वजह से हम बच गये दुनिया मे बनने से तमाशा.
तुमने कभी की नही हमारे घावो की परवाह.
इसीलिये तो बन पाये हम दर्द से बेपरवाह.
तुम्ही ने की चुनचुन कर हमारी उजागर खामिया.
तभी तो कर पाये हम दूर अपनी कमिया.
तुम्ही ने बिछाये हमारे रास्ते मे काटे बार बार.
इसीलिये तो सिख पाये हम ना हो ना बेजार.
तुम्ही ने आफतो से हमारे रास्ते कीये बंद.
इसीलिए कर पाये हम खुद को चाक वो चौबंद.
तुम ना होते तो ना बन पाते जो हम है आज.
इसलिये तहे दिल से शुक्रिया ओ मेरे हमराज.