मेरे साईं की वाटिका में, प्यार के फूल खिले हैं
मेरे साईं की वाटिका में, प्यार के फूल खिले हैं
सुगंध में जिसकी खोकर, सब दीवाने झूम रहे हैं
जय हो-जय हो-जय हो, साईं बाबा की …….
जय हो-जय हो-जय हो, शिरडी वाले की …….
सब रास रचाओ मिलकर और भजन सुनाओ खुलकर
यूँ रात बिताओ ऊँचे सुर में ‘साईं-साईं’ जपकर
यूँ लगे भक्तों के बीच खुद बाबा भी झूम रहे हैं //१.//
जय हो-जय हो-जय हो, साईं बाबा की …….
जय हो-जय हो-जय हो, शिरडी वाले की …….
तन-मन-धन मैं लुटाऊं और साईं-साईं चिल्लाऊँ
कुछ सुध न रहे अपनी भी, मैं आठों याम ही गाऊँ
यूँ लगे बाबा के दर पे, धरती-अम्बर झूम रहे हैं //२.//
जय हो-जय हो-जय हो, साईं बाबा की …….
जय हो-जय हो-जय हो, शिरडी वाले की …….