मेरे सपनें
काश सपनें सच हो पाते, तो इस संसार में कोई भी निराश व हताश नहीं रहता। जो हमें चाहिए और जो हम हासिल नहीं कर पाते, उनके बीच के द्वंद को सपना कह सकते हैं। हम लोगों के सपने अपनी इक्षा अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।
किसी को बहुत सारा पैसा चाहिए, किसी को मशहूर और अपनी बहुत अच्छी पहचान चाहिए, किसी को खुद को अच्छा दिखना और सुंदर शरीर चाहिए… वग़ैरा-वग़ैरा।
कई बार सपनें तो हम बढ़े देखते हैं, लेकिन उन सपनों के लिए काम नहीं करना चाहते, या किसी कारण वश कर नहीं पाते। और जो व्यक्ति अपनी सभी बाधाओं से लड़कर भी अपने सपने को अपने दिमाग़ में रखकर , उस सपने के लिए कार्य करता है, जो उसे चाहिए। वो व्यक्ति अवश्य ही देर सवेर अपने सपने को हासिल लर लेता है। सपने सच होने की समय अवधि हम खुद तय कर सकते हैं।
आशा है कि हम भी अपने सपनों को गम्भीरतापूर्वक लेंगें, और उन सपनों को पूरा करने में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उन सपनों को पूरा करके दिखाएंगे।