देखिए भी प्यार का अंजाम मेरे शहर में।
देखिए भी प्यार का अंजाम मेरे शहर में।
मिल रहा है काम का ईनाम मेरे शहर में।
फूल से स्वागत हमेशा अपने मेहमाँ की करें।
कौन तुझको कर सके बदनाम मेरे शहर में।
हम दुवाएं मांगते हैं अपने रब से हर घड़ी।
और ऊंचा हो तुम्हारा नाम मेरे शहर में।
मातृ शक्ति, मातृ भक्ति,सम्मान तेजवापुर रहे।
देवियों की कर रहे सम्मान मेरे शहर में।
जब से बहराइच को तुमने कर्म भूमि कह दिया।
बा खुदा तुम पा चुके मकाम मेरे शहर में।
जिसकी जितनी खूबियां हैं और जो हकदार है।
उसको बेहतर मिल रहा अंजाम मेरे शहर में।
जो सितारा जिसके लायक है उसे बैठा दिया।
इसलिए कोई नहीं गुमनाम मेरे शहर में।
सगीर सबको प्यार और सम्मान है मिलता यहां।
बे अदब कोई नहीं है नाम मेरे शहर में।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार बहराइच