मेरे शब्द.🙏🙏
मेरी ज़िन्दगी के राज़ में एक राज़
तुम भी हो….
मेरी बंदगी की आस में एक आस
तुम भी हो….
तुम क्या हो मेरे, कुछ हो या कुछ
भी नहीं मगर….
मेरी ज़िन्दगी के काश में एक काश
तुम भी हो…..
द्वारा:- विशाल बाबू”लेखक” औरैया, उत्तरप्रदेश।
[सोशल वर्कर,मोटिवेटर & लेखक ]