मेरे राम लला….(भजन/गीत)
मेरे राम लला का भवन बना,
हर चेहरा खुशियों से है खिला।
ये राम जन्म की भूमि है,
सीता ससुराल भी प्यारी है,
ये अयोध्या नगरी न्यारी है,
आज शिलान्यास की बारी है।
मेरे राम जो इसमें बैठे है,
करुणानिधि वो तो ऐसे है,
सब दुख संताप वो दूर करें,
चरणों की धूल से हर विपदा टले।
तुम मर्यादा पुरुषोतम है,
राजाओं में राजा भी उत्तम हैं,
हनुमन सी भक्ति सिखा दो मुझे,
चरणों में अपने लगा लो मुझे।
तेरी जोत हृदय में समा जाए,
हर प्राणी में रूप तेरा पाए,
ये सरलता अपनी मुझे दे दो,
निस्स्वार्थ इन्सान बना देना।
जिह्वा पर तेरा ही नाम रहे,
चरणों में तेरे ही ध्यान रहे,
हर श्वास में राम ही राम रहे,
मुझे दर्शन एक बार दिखा जाना।।
स्वलिखित (सर्वाधिकार सुरक्षित)
माधुरी शर्मा ‘मधुर’ अंबाला शहर।