मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
दीन दुखियों के हैं राम,
भक्तों की भक्ति में राम,
जीवन मरण में राम,
अभिवादन में राम,
मेरे राम उनके राम,
हम सबके हैं राम!
गरीब गुरबों के राम,
केवट और निषादों के राम,
शबरी की भक्ति के राम,
अहिल्या के उद्धारक राम,
सुग्रीव और अंगद के राम,
विभीषण के भी हैं राम,
हनुमान के घट घट में राम,
पति के शव की याचना में राम,
मंदोदरी की संसय में राम,
कुंभकरण और रावण की मुक्ति में राम!
भातृत्व की भावनाओं में राम,
भरत और लक्ष्मण की आस्थाओं के राम,
पिता दशरथ की सांसो में राम,
माता की आज्ञाओं के राम,
राज कुमार से बनवासी राम,
यत्र तत्र सर्वत्र हैं राम!
स्वार्थ और पुुरशार्थ के मध्य में उलझे राम,
शाशन और सत्ता की महत्ता के राम,
राजनीति के विमर्श के राम,
पक्ष विपक्ष के वैचारिक राम,
भाजपा और संघ के राम,
कांग्रेसी और वामपंथियों के राम,
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के राम!
साधु संतो की भक्ति के राम,
जन मानस की मुक्ति के राम,
भय और निर्भय की श्रृष्टि के राम,
मर्यादा के श्रेष्ठ व्यक्तित्व के राम,
आशा और निराशा से मुक्ति के राम,
कण कण में रहते राम,
हे राम ,मेरे राम उनके राम,
हम सबके राम!!
राम राम जी ,राम राम ।