मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
भरे उपदेशों से सारे_ भूल तुम क्लेश जाओगे ।।
जीना जीवन है कैसे _राज सारे मिल जाएंगे।
पता भी लिख छोड़ा मैंने_ मेरे ही देश आओगे।।
कवि _ राजेश व्यास “अनुनय”
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
भरे उपदेशों से सारे_ भूल तुम क्लेश जाओगे ।।
जीना जीवन है कैसे _राज सारे मिल जाएंगे।
पता भी लिख छोड़ा मैंने_ मेरे ही देश आओगे।।
कवि _ राजेश व्यास “अनुनय”