मेरे नजर में
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“जब इंसानो के पास पैसा हो जाता तो वो अपने आप को भूल जाता है की मैं क्या हुं, उसको अपने अाप पर घमंड हो जाता हैं ! यह नहीं सोचता हैं की हम ज़िस ईन्सान को कुछ बोल रहे है वो भी एक दिन मुझसे भी पैसा वाला , शोहरत वाला बन सकता हैं , किसी का कोई भाग्य नहीं बदल सकता हैं , लेकिन किसी को कुछ बोलिये तो सोच समझकर बोलिये , जब पत्थर भगवान बन सकता हैं तो इन्सान क्यो नहीं !”
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