मेरे देश की आत्म कथा।
हमारे देश में कई विभाग ऐसे हैं। जहां पर काम से अधिक कर्म चारी होते हैं। जिनके पास कोई काम नही होता है। फिर भी मोटी तनख्वाह पाते हैं। केवल अपनी हाजिरी लगाने के लिए आते हैं।और आफिस में दिन भर गप्पे लड़ाते रहते हैं।हम अभी तक कर्म चारियो की संख्या निर्धारित नही कर पाये हैं।कि अमुक विभाग में कितने कर्म चारी होने चाहिए। जबकि हमें काम के अनुसार कर्म चारी यों को रखना चाहिए।कि कम से कम छः घण्टे तक काम कर सकें। लेकिन! कर्म चारी कम होना चाहिए थे।अब जबकि सारे विभागों में कम्प्यूटर से काम होने लगा है। फिर भी सरकारी काम पेंडिंग में ही पड़ा रहता है। हमारे देश में कामचोरी बहुत होती हैं। क्यों कि हमारी सरकार ने काम के हिसाब से वेतन तय नहीं किया है। लेकिन हमारे देश में कर्म चारी स्थाई होता है। इसलिए उसका वेतन नही कटता है।अब समय आ गया है कि कर्म चारी यों से कैसे काम करवाया जाये।हर एक कर्म चारी यों का डाटा तैयार हो कि कौन ने आज कितने घंटे तक काम किया है। हमारे देश की कामचोरी रुक जायेगी।